भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मानसून पंजाब और गुजरात में और आगे की ओर बढ़ गया है। देश के पूर्वी, मध्य, उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी राज्यों में पांच दिन मानसून सक्रिय रहेगा। इस दौरान 24 राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है। जिन राज्यों में भारी बारिश होने का अनुमान है उनमें उत्तर पश्चिम के राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा शामिल हैं। उधर मध्य भारत के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा पश्चिम भारत के गोवा, गुजरात और महाराष्ट्र में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।इसी के साथ दक्षिण भारत के कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और उत्तर पूर्वी भारत के पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम में भारी बारिश होने का अनुमान है।उत्तर प्रदेश का मौसम गुरुवार 29 जून से फिर बदलेगा। एक जुलाई तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश होने के आसार हैं। दो और तीन जुलाई को भी प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान है। बुधवार 28 जून को पश्चिमी यूपी में कहीं हल्की तो कहीं सामान्य बारिश होने की उम्मीद जताई गई है। बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की से सामान्य बारिश हुई। एक दो स्थानों पर भारी बारिश भी दर्ज की गई। इस दरम्यान ललितपुर में सबसे अधिक नौ सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा मेरठ के मवाना, बुलंदशहर के खुर्जा में आठ-आठ सेमी बारिश दर्ज हुई।
मौसम विभाग ने बुधवार के लिए उत्तराखंड के सात जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। नैनीताल, चंपावत, टिहरी, पौड़ी, देहरादून, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका भी जताई है। राज्य के बाकी जिलों में भी आकाशीय बिजली चमकने के साथ ही तेज बारिश हो सकती है। उधर बारिश की वजह से 59 सड़कें बंद हैं। बंद सड़कों को लेकर लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को बैठक बुलाई है।बिहार में जून में कम बारिश का 122 साल का रिकॉर्ड टूट सकता है। जून समाप्त होने में अब तीन दिन ही बचे हैं लेकिन राज्य में मात्र 28.6 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। मौसम विभाग के पास 1901 से आंकड़ा उपलब्ध है। उसके अनुसार जून में सबसे कम बारिश 1926 में 41.1 मिलीमीटर हुई थी। वहीं वर्ष 2023 में 27 जून तक 28.6 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य के अधिकतर भागों में अगले तीन दिनों के दौरान बारिश की अनुकूल स्थिति नहीं बन रही है।भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि केरल में अभी तक मानसून के दौरान सामान्य से कम वर्षा हुई है। दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने सामान्य समय एक जून के मुकाबले एक सप्ताह की देरी से आठ जून को इस बार केरल पहुंचा। दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण इस अवधि में केरल में होने वाली सामान्य बारिश के मुकाबले इस साल 65 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। हालांकि, केरल में दक्षिण-पश्चिमी हवा तेज हो रही है और आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना है।