- पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से निकले हजारों किसानों का जत्था हरियाणा के शंभू बॉर्डर पहुंच गया है। इस बीच भारी संख्या में तैनात हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। इसके चलते हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। कुछ देर में बड़ी संख्या में और भी किसान सीमा पर जुट सकते हैं। सोमवार रात को 5 घंटे लंबी चली बातचीत के बाद भी सरकार से कोई सहमति नहीं बन सकी। इसके बाद अब किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। किसान फिलहाल 500 ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ दिल्ली के निकले हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग भी हैं। ऐसे में पुलिस के लिए इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर पाना भी आसान नहीं होगा। किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच पहला मोर्चा अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर दिखेगा। यह हरियाणा एवं पंजाब के बीच सबसे प्रमुख बॉर्डर है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार तो हमारे साथ दुश्मन जैसा बर्ताव कर रही है। आंदोलन करना हमारा लोकतांत्रिक हक है, लेकिन हमें रोका जा रहा है। हमारे सोशल मीडिया अकाउंट्स बैन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब के बीच ऐसी किलेबंदी है कि लगता है ये दोनों भारत के राज्य नहीं हैं बल्कि अलग-अलग देश हैं। किसान संगठनों का कहना है कि वे शंभू ब़ॉर्डर और खनौरी सीमा से दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। यदि उन्हें रोका जाता है तो फिर तुरंत ही फैसला लिया जाएगा कि आगे क्या ऐक्शन होगा।
- दिल्ली कूच करने से पहले किसान संगठनों के नेता सरवन सिंह पंढेर समेत कई लोगों ने मीडिया से बात भी की। इन लोगों ने कहा कि सरकार ने एमएसपी कानून पर कोई ठोस वादा नहीं किया है। अब तक कमेटी गठित करने की ही बात हो रही है। यही बात तो दो साल पहले भी कही गई थी। उन्होंने कहा कि हम अब ऐक्शन चाहते हैं और सरकार को तुरंत नोटिफिकेशन जारी कर देना चाहिए। वहीं सरकार का कहना है कि एमएसपी लागू हुई तो उससे महंगाई में इजाफा होगा और देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। आइए जानते हैं, किसान आंदोलन से जुड़ा हर अपडेट.भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष और किसान नेता नरेश टिकैत ने सरकार पर अड़ियल रवैया रखने के आरोप लगाए हैं। ‘दिल्ली चलो’ को लेकर उन्होंने कहा, ‘अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग मांगें हैं। लेकिन क्या किसानों को हमेशा प्रदर्शन करते रहना होगा, क्या उन्हें दिल्ली की ओर कूच करते रहना होगा? सरकार को इस ओर देखना चाहिए। यह अड़ियल रवैया किसी के लिए भी अच्छा नहीं है।’