सूरत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंजीनियरिंग कॉलेज में महिलाओं की बढ़ती संख्या पर सोमवार को प्रसन्नता व्यक्त की और अभियांत्रिकी की पढ़ाई चुनने के लिए उनकी सराहना की।राष्ट्रपति मुर्मू सूरत के सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एसवीएनआईटी) के 20वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं।उन्होंने स्नातक के छात्रों से राष्ट्र निर्माण के लिए तकनीक और समस्या निवारण कौशल तथा नवोन्मेषी सोच का इस्तेमाल करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब हर कहीं कृत्रिम मेधा (एआई) की बात हो रही है तब एसवीएनआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों को एआई कौशल अंतर को कम करने के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनों और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा,‘‘ यह प्रसन्नता की बात है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों और संस्थानों में लड़कियों की संख्या पहले से अधिक है। मैं उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षा प्राप्त करने और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए उनकी सराहना करती हूं।’उन्होंने कहा मैं विशेष रूप से उन लोगों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्हें डिग्री और मेडल मिले हैं। मैं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) से अधिक लड़कियों को इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते कार्यक्रम, अभियान और कार्यशालाएं चलाने की अपील करती हूं।’’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्होंने हाल ही में एक महिला के स्टार्टअप समूह से मुलाकात की जिसके सदस्य देश की प्रगति और नौकरियां प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।राष्ट्रपति ने कहा,‘‘उनसे मुलाकात के बाद मेरा विश्वास और पक्का हो गया कि महिलाएं देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभाती रही हैं और निभाती रहेंगी।’’राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आज एआई के बारे में हर कहीं बात हो रही है और केंद्र और राज्य सरकारें इस तकनीक का लाभ नागरिकों के विकास में उठाने के वास्ते कार्यक्रम पेश कर रही हैं।उन्होंने कहा कि बड़ी तकनीकी कंपनियां भी भारत की एआई क्षमता और इसके उपयोग को बढ़ाने के लिए नयी परियोजनाएं शुरू कर रही हैं।