महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के आखिरी दिन राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री दादा भुसे और कर्जत विधायक महेंद्र थोर्वे के बीच विधान भवन के लॉबी में ही नोकझोंक हुई। इस घटना के बाद से राज्य में राजनीति गरमा गई है। विपक्षी सदस्यों ने इसे गंभीर घटना करार दिया। महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के आखिरी दिन राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री दादा भुसे और कर्जत विधायक महेंद्र थोर्वे के बीच विधान भवन के लॉबी में ही नोकझोंक हुई। जिसके बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए घटना को गंभीर बताया है। गौरतलब है कि ये दोनों नेता शिंदे गुट के हैं, विधान भवन परिसर में भीतर जाने के दौरान दोनों में बहस हुई। जब मंत्री भुसे और विधायक थोर्वे के बीच नोकझोंक हुई तो अन्य मंत्री शंभुराज देसाई और शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने तनाव को शांत किया। यह पहली बार है कि विधानमंडल परिसर में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस तरह से विवाद किया।
घटना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए थोर्वे ने कहा कि जब मैंने मंत्री भुसे से निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर सवाल पूछा, तो उन्होंने अपनी आवाजा ऊंची की। इस बीच, देसाई ने कहा कि दोनों शिवसेना सदस्यों के बीच कोई हाथापाई नहीं हुई। पत्रकारों से कहते हुए देसाई ने कहा कि विधान भवन के अंदर किसी भी कैमरे की अनुमति नहीं है। आपके पास क्या सबूत है।मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि दोनों विधायक विकास कार्यों पर चर्चा कर रहे थे, इस दौरान उनमें से एक ने अचानक ऊंची की। मैं उन्हें अंदर ले गया और मामले को सुलझाया दिया गया। मंत्री तकनीकी कठिनाइयों के बारे में विधायक को बताने की कोशिश कर रहे थे।
इस घटना पर कांग्रेस विधायक कैलाश गोरंट्याल ने कहा कि जब दादाजी भुसे ने विधायक को कोहनी से मारा तो मैं वहां मौजूद था। इस तरह की बात करना गलत है। मैं इसकी निंदा करता हूं। सीएम का अपने मंत्रियों पर कोई काबून नहीं है। अगर कोई पुलिस केस दर्ज करता है, तो मैं प्रत्यक्षदर्शी बनने के लिए तैयार हूं। हम मंत्री के इस्तीफे और विधायक के निलंबन की मांग करते हैं।गौरतलब है कि यह मुद्दा विधान परिषद में भी गूंजा और विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा। इसके बाद सदन में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद उपसभापति नीलम गोरे को कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। शरद पवार गुट के विधायकों ने कहा कि दो सदस्य विधान भवन लॉबी में भिड़ गए, जो गंभीर घटना है।