गुजरात के व्यारा के छोटे से गांव मे रहनेवाली गरीब परिवार की एक लड़की सूरत में अपने सपने पूरे करने केलिए आई थी जहा वो अपनी मेहनत से अपना ओर अपनी मा का गुजारा करने लगी परिवार से दूर लड़की अपनी मां को हर महीने कुछ रुपे भेजती थी लेकिन अचानक कुछ महीने से लड़की की कोई खबर मां को नही मिली तब मां निकल पड़ी बेटी को मिलने सूरत। मगर जब मां बेटिके घर पोहची तो बीटी को वहा नहीं पाकर परेशान होगई ओर कुछ ऐसा पता चला कि माके पेरो के नीचे से जमीन खिसक गई।मां ने जब बेटी के बारे मे आसपास वालो से पता लगाया तो कुछ खास पता नही चला बाद में माने जहा बेटी काम करती थी वहा जाकर पुछताज की तो पता लगा की लड़की को किसी लड़के के साथ प्रेम में थी और वो उसके साथ कही चली गई मां को बेटीके बारेमे जब स्चाई पता चली तो मां के होश उड़ गए बाद मे अपनी बीटी के साथ सप्रक करनेकी बार बार कोशी की लेकिन कोई फायदा नही हुवा आखिरमे मां अपनी बेटिको खोजने के लिऐ सूरत के गोडादरा पुलीस थाणे जाकर मदत मागी
पुलिस ने मां के कहने पर लड़की की मिसिंग कंप्लेंट ले ली मगर महीनो बीत जाने के बाद भी पुलिस की ओर से मां को किसी भी तरीके से कोई जवाब नहीं मिल पाया आखिर में अपनी बेटी से मिलने की उम्मीद खोने लगी ,उसीवकत अचानक अटल क्रांति न्यूज़ की पत्रकार गीत भाटिया के साथ मुलाकात हुई और माता ने पत्रकार गीत भाटिया को अपनी बेटी के गुम होने की सारी बात बताई तब गीत भाटिया एक पत्रकार की भूमिका निभाते हुए उम्मीद हार चुकी मां को आश्वासन दिया कि आपकी बेटी जरूर आपके पास लोट आएगी उसी के साथ पत्रकार गीत भाटिया ने मां के साथ गोडादरा पुलिस थाने में जाकर इंस्पेक्टर J.C जादाव के साथ मुलाकात की और गुमशुदा लड़की के बारे में जानकारी दी उसके बाद गोडादरा पुलिस एक्शनमोड पर आई पुलिसों के सदन प्रयासों से करीब 1 हफ्ते में पुलिस स्पेशल टीम बनाकर लड़की को खोज निकाला बाद में लड़की जिस लड़के के साथ प्रेम संबंध बांधकर चली गई थी आखिर में उसे अपनी मां से मिलाया गोडादरा पुलिस ने जिस वक्त मां को खबर दी की आपकी बेटी मिल गई है और उसे हम पुलिस थाणे लेकर आए हैं आप भी आ जाओ तब मां की खुशी का कोई ठीखाना नहीं रहा आशा छोड़ चुकी मां को अपनी बेटी के मिलने की खबर सुनते ही खुशी की लहर दौड़ पड़ी और व्यारा से तुरंत सूरत आने के लिए निकल पड़ी जहां अटल क्रांति न्यूज़ की पत्रकार गीत भाटिया के समक्ष पुलिस अधिकारी ने बेटी को मां के साथ मिलाया उसे वक्त मां बेटी का मिलन देखकर सभी भाउक हो गए थे और एक अलग ही नजारा वहां देखने मिला था.
कहते हैं ना जहां चाहे वहां रहा है बस माँ की उम्मीद थी कि उसे अपनी बेटी के साथ एक दिन जरूर मिलना होगा और उसकी उम्मीद को उसने कभी छोड़ नहीं था कहां जाता है कि जब इंसान किसी चीज को पाने के लिए निकलता है. तब उसे सारे कायनात मिलाने के लिए जुट जाती है। यह बात सच है मगर आज कल के युवा लड़के और लड़किया को यह बात समझनी चाहिए कि हमारा परिवार में सबसे अधिक कोई हमें प्यार करता है तो वह हमारे मां-बाप है बचपन से लेकर जवानी तक वह हमारे हर इच्छा ओको पूरा करते हे चाहे वह भूखे रहे प्यास रहे मजदूरी करें मगर बच्चों की खुशियों के आगे वह अपनी खुशियों को त्याग देते हैं मगर वही बच्चे बड़े होने के बाद अपनी जिंदगी का हमसफर चुने से पहले एक बार भी अपने मां-बाप के बारे में नहीं सोचती और चंद महीनो के प्यार के लिए माँ- बाप के सालों के बलिदान को भूल जाती है बाद में उन्हें पछतावा के सिवा कुछ नहीं मिलताहे , अगर जीवन साथी चुनेका अपना हक समझने वाले बच्चे मां-बाप का भी मनजीत कर जीवन साथी चुने तो हम मानते हे की जिस मां-बाप ने पूरी जिंदगी भर बचोके इच्छाओं का विरोध नहीं किया हे तो बड़े होने के बावजूद भी उनकी बात समझेंगे यह माता-पिता के लिए भी एक समझने वाली बात है आज के युवा पड़ी खुले विचारों की है आसमान में उड़ना चाहते हैं उन्हें उड़ान भरने दो मगर सही रहा भी दिखाओ और उनकी बात भी सुनो तभी आने वाले युवा पिड़ीमे सभ्यता बनी रहेगी।