राजस्थान का एक और लाल शहीद हो गया। शहादत की खबर मिलते ही चूरू के सादुलपुर के आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई। ‘सूबेदार राजेंद्र सिंह डांगी जिंदाबाद’ के नारे लगने लगे। बुधवार को पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए हुजूम उमड़ पड़ा। हर आंखें नम थीं। अंतिम विदाई के समय बेटी ने सैल्यूट किया और कहा- जय हिंद।
2 महीने पहले ही गए थे छुट्टी काटकर
2 महीने पहले ही सूबेदार राजेंद्र डांगी छुट्टी से लौटकर ड्यूटी जॉइन किए थे। दिसंबर 1994 में सेना में भर्ती होने वाले नेशल छोटी निवासी सूबेदार राजेंद्र सिंह डांगी सेकेंड जाट रेजिमेंट में थे। मंगलवार को ड्यूटी के दौरान पंजाब के अबोहर फाजिल्का में वो वीरगति को प्राप्त हो गए थे। बुधवार को उनकी पार्थिव देह गांव आई।
शहीद की बेटी ने जय हिंदी बोलकर अपने पापा को विदाई दी, तो पूरे क्षेत्र में जिंदाबाद के नारे गूंज उठे।
बड़ी संख्या में आसपास के इलाकों से आए लोग
सेना के जवानों और अधिकारियों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किए। अंतिम यात्रा में गांव ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान पूरा इलाका शहीद राजेंद्र सिंह जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा। डीजे साउंड पर देशभक्ति गीतों के बीच पार्थिव देह लेकर लोग श्मशाम पहुंचे। वहां जवानों ने मातमी धुन बजाकर गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान सेना के जवानों ने तीन राउंड फायरिंग कर सैनिक सम्मान दिया। विधायक (सादुलपुर) कृष्णा पूनिया सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी श्रद्धांजलि दी।
शहीद की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के लोग भी शामिल हुए। इस दौरान पूरा इलाका शहीद राजेंद्र सिंह जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा।