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यूएई में भी हिंदू मंदिर का उद्घाटन:भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे।

जहां राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई, वहीं 14 फरवरी को यूएई में भी हिंदू मंदिर का उद्घाटन है। अयोध्या की तरह यूएई में भी पीएम मोदी कार्यक्रम का हिस्सा बने । मंदिर का निर्माण बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) ने कराया है। 27 दिसंबर 2023 को बीएपीएस ने उद्धाटन समारोह के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया था। आइये जानते हैं जिस मंदिर का उद्घाटन किया जाना है वह कहां है? मंदिर कब बनना शुरू हुआ? इसका निर्माण किसने कराया? मंदिर की खूबी क्या है?मंदिर यूएई की राजधानी अबू धाबी में 'अल वाकबा' नाम की जगह पर बनाया गया है। यह धर्म स्थल 20,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। हाइवे से सटी अल वाकबा नामक जगह अबू धाबी से तकरीबन 30 मिनट की दूरी पर है।यूएई का पहला हिंदू मंदिर भले ही 2023 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन इसकी कल्पना करीब ढाई दशक पहले 1997 में बीएपीएस संस्था के तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराज ने की थी।
अगस्त 2015 में संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने अबू धाबी में मंदिर बनाने के लिए भूमि आवंटित करने का फैसला किया। 16 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसले की जानकारी दी और इसके लिए संयुक्त अरब अमीरात सरकार का आभार भी जताया। पीएम मोदी ने मंदिर के लिए जमीन देने के निर्णय को एक बेहतरीन कदम बताया था। इस फैसले के दो साल बाद 2017 में अबू धाबी के राजकुमार ने शाही आदेश के जरिए भूमि उपहार में दी। 2018 में अबू धाबी के राजकुमार ने पीएम मोदी के साथ मिलकर मंदिर के लिए सहमति दे दी। इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी हिंदू मंदिर की परियोजना शुरू की। इसके अलावा मंदिर की शोध वास्तुकला भी तैयार की गई। अप्रैल 2019 में यूएई के पहले हिंदू मंदिर का शिलान्यास हुआ था। लगभग 5,000 भक्त बीएपीएस हिंदू मंदिर के शिलान्यास समारोह में भाग लेने और देखने के लिए एकत्र हुए थे। यह समारोह मंदिर के निर्माण की शुरुआत का प्रतीक था।
आधारशिला रखने के बाद भारत की तीन प्रमुख पवित्र नदियों गंगा, यमुना एवं सरस्वती से लाया गया जल पत्थरों पर अर्पित किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, जापान, अफ्रीका, चीन, दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों के भक्तों और स्वयंसेवकों ने भाग लिया था। शिलान्यास के बाद 2020 में भारत में पत्थरों पर मूर्तियां उकेरने का काम जारी रहा। वहीं अंततः वास्तुकला तैयार हुई जो पारंपरिक शिला मंदिर की शैली थी। इस तरह से मंदिर परिसर में पुस्तकालय, कक्षा, सामुदायिक केंद्र, सभास्थल, रंगभूमि बनाए जाने की परिकल्पना की गई। अगस्त 2023 में मंदिर के लिए वह घड़ी आई जब यह साकार रूप ले चुका था। मंदिर प्रशासन ने इसे 'रेगिस्तान में खिलता कमल' की संज्ञा दी। इसके साथ ही तय किया गया कि 14 फरवरी 2024 को यूएई के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन होगा। 27 दिसंबर 2023 को बीएपीएस के स्वामी ईश्वरचरणदास और स्वामी ब्रह्मविहारिदास के साथ मौजूद शिष्टमंडल ने उद्धाटन समारोह के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया। अबू धाबी में बना हिंदू मंदिर 108 फीट है। इसमें 40,000 क्यूबिक फीट संगमरमर, 1,80,000 क्यूबिक फीट बलुआ पत्थर, 18,00,000 ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर में 300 सेंसर लगाए गए हैं।

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