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वीनू मोरडिया के लिए बड़ी चुनौती : ‘आप’ कांग्रेस और ओवीसी फैक्टर

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी ने शुक्रवार को 160 कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी कर दी। इसके बाद अब कैंडिडेट्स के नामांकन भरने का सिलसिला शुरू हो गया है। सूरत के कतारगाम से बीजेपी कैंडिडेट वीनू मोरडिया शुक्रवार सुबह शाही अंदाज में अपना नामांकन दाखिल करने कलेक्टर ऑफिस पहुंचे। इस बार कतारगाम सीट इसलिए चर्चा में है, क्योंकि मोरडिया का सामने AAP के गोपाल इटालिया हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस बार यहां ओबीसी फैक्टर का दांव खेल दिया है। आइए विस्तार से जानते हैं इसका समीकरण पाटीदार नेता वीनू मोरडिया की पहचान एक दबंग नेता की रही है। कतारगाम विधानसभा सीट पर पाटीदारों का दबदबा है। इसी के चलते इस सीट से बीजेपी ने उन्हें रिपीट किया है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को इस सीट से उतारा है। इसीलिए इस सीट की जंग रोमांचक रहने वाली है। गोपाल इटालिया पिछले काफी समय से एक्टिव हैं और वे कई मौकों पर राज्य सरकार पर निशाना साध चुके हैं।

कांग्रेस ने पिछली बार इस सीट से जिग्नेश जिवाणी को उतारा था, लेकिन वे करीब 80 हजार वोटों से हार गए थे।कांग्रेस का ओबीसी फैक्टर बिगाड़ सकता है खेलआम आदमी पार्टी और बीजेपी ने कतारगाम सीट से पाटीदार नेताओं को दिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने यहां से अल्पेश वरिया को मैदान में उतारा है। प्रजापति समाज से ताल्लुक रखने वाले युवा चेहरा अल्पेश ओबीसी से आते हैं। आपको बताते चलें कि इस सीट पर 85726 पाटीदार मतदाताओं के बाद दूसरा बड़ा वोट बैंक प्रजापति समाज का ही है। प्रजापति समाज के यहां 59168 मतदाता हैं। इससे साफ है कि वरिया बीजेपी और आप दोनों दलों के कैंडिडेट्स से लिए चुनौती बन सकते हैं।कतारगाम गुजरात राज्य के 182 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह सूरत जिले का हिस्सा है और 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था। कतार्गम विधानसभा सीट पर कुल 3 लाख 22 हजार 15 मतदाता हैं। इनमें 1 लाख 76 हजार 735 पुरुष और 1 लाख 45 हजार 278 महिला मतदाता हैं। इस सीट पर पहला चुनाव 2012 में हुआ था और तब से भाजपा ही यहां से जीती है।

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