कांग्रेस ने गुजरात चुनाव के लिए शनिवार को अहमदाबाद में पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। इसमें 10 लाख सरकारी नौकरियां, किसानों की कर्ज माफी और हर महीने 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने का वादा किया। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में भारी-भरकम दावे किए, लेकिन इसमें वादों से ज्यादा विवादों की छाया नजर आ रही है।पार्टी ने अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल करने का वादा किया है। वहीं, बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों की रिहाई रद्द कर उन्हें फिर जेल भेजने की बात भी कही। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए पार्टी नेता मधुसूदन मिस्त्री ने तो यह तक कह दिया कि मोदी कभी पटेल नहीं बन सकते।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि सत्ता में आने पर 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इनमें महिलाओं को 50% आरक्षण मिलेगा। सरकारी की भर्ती में भ्रष्टाचार और बार-बार पेपर लीक होने की घटनाओं को रोकने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का वादा भी किया गया है। साथ ही बेरोजगारों को 3000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है।कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी करने, हर घर को 300 यूनिट तक फ्री बिजली देने जैसे वादे भी शामिल हैं।कन्याकुमारी से कश्मीर निकले राहुल गांधी, लेकिन गुजरात को छोड़ दिया।गुजरात में चुनावी ढोल बजे उससे पहले ही PM नरेंद्र मोदी जनसभा रैली कर लौट गए। अभी तक राहुल गांधी ने यहां चुनाव से संबंधी सभा या रोड शो नहीं किया है। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) भी प्रचार कर रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस का कुछ और ही प्लान है। गुजरात चुनाव में लड़ाई मोदी और राहुल के बीच होती है, जिसमें भाजपा को फायदा होता है। इस स्थिति से बचने राहुल को गुजरात से अलग रखा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
सूरत पूर्व, वराछा रोड, बारडोली और महुआ सीट पर पिछले चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को दी थी कड़ी टक्कर।कांग्रेस ने सूरत शहर और ग्रामीण की सात सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। गुरुवार को भाजपा के उम्मीदवार घोषित करने के बाद कांग्रेस भी जल्द ही बाकी की सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इस बार कांग्रेस का फोकस उन सीटों पर ज्यादा है, जहां 2017 के विधानसभा चुनाव में उसके उम्मीदवार कम अंतर से हारे थे। इन सीटों पर उसे जीत की आस है। इसमें दो सीटें सूरत शहर और दो ग्रामीण की हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.राजकोट जिले में सबसे ज्यादा मंत्रियों के 4 रिश्तेदारों को टिकट दिया गया है।वैसे तो बीजेपी हमेशा यही दावा करती है कि पार्टी में भाई-भतीजावाद की कोई जगह नहीं है, लेकिन असल में ऐसा है नहीं। अगर गुजरात के विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी की ओर से जारी की गई 160 कैंडिडेट्स की लिस्ट ही देख लें पता चलता है कि इनमें 12 उम्मीदवार पूर्व और वर्तमान में भाजपा नेताओं के रिश्तेदार हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…