वाराणसी का ज्ञानवापी मामला इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. इसी बीच जब समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव से इस मामले को लेकर सवाल पूछा गया तो सपा सांसद गुस्से में नजर आए. जब मीडिया ने सपा सांसद रामगोपाल यादव से पूछा कि कहा जाता है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने ज्ञानवापी में पूजा बंद कराई थी. इस सवाल पर सपा सांसद ने कहा ऐसा कौन कह रहा, केवल मूर्ख ही ऐसा कह सकते हैं. जब उनसे कहा कि बीजेपी ऐसा कह रही है तो उन्होंने कहा कि उनके साथ उनके जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए.
वहीं इससे पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी इस सवाल को लेकर जवाब दिया था. जब पूर्व सीएम अखिलेश यादव से पूछा गया कि कहा जाता है कि आपके पिता जी (मुलायम सिंह यादव) जब मुख्यमंत्री थे 1993 में तब ज्ञानवापी में पूजा बंद की गई थी. इस सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि आपको आधी-अधूरी जानकारी नहीं रखनी चाहिए. कई बार प्रशासनिक तरीके से प्रशासन खुद निर्णय लेता है. तो किसी सरकार पर ये आरोप लगाना या 30 साल पुरानी बात को उखाडकर खड़ा करना सवाल ये नहीं है. सवाल ये है कि बीजेपी के लोग पीडीए से घबराए हुए हैं.बता दें वाराणसी कोर्ट ने हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास जी के तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दे दी है. साल 1993 में समाजवादी पार्टी की सरकार में व्यासजी के तहखाने को बंद कर दिया गया था, बैरिकेडिंग कर दी गई थी. इसके बाद से ही यहां पर पूजा करना बंद है. व्यासजी का तहखाना ज्ञानवापी परिसर में नंदी भगवान के ठीक सामने है और यह तहखाना प्राचीन मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास परिवार की मुख्य गद्दी माना जाता है.