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गुजरात:सूरत नगर निगम में आदमी पार्टी के सदस्यों ने सभागृह के बाहर विरोध प्रदर्शन किया

  • गुजरात के सूरत नगर निगम (एसएमसी) बजट की आम बैठक शुरू होने से पहले विपक्षी आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने सभागृह के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी सदस्यों ने मनपा के उंबेर में प्रस्तावित निपटान संयंत्र में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्ले कार्ड के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। सूरत नगर निगम बजट महासभा में सभी सदस्य लैपटॉप के साथ नजर आए। बजट पर चर्चा के लिए सदस्यों को पेन ड्राइव भी दी गई। स्टेशनरी की लागत का बोझ कम करने के लिए नगर पालिकाएँ कागज रहित प्रशासन की ओर बढ़ रही हैं। सूरत नगर निगम की सभी समितियों के एजेंडे भी सदस्यों तक ऑनलाइन पहुंचाए जाते हैं। कागज बचाने के लिए कार्यकाल शुरू होने के साथ ही मनपा की ओर से सदस्यों को लैपटॉप आवंटित किए गए थे।बजट की दो दिवसीय सामान्य बैठक में सदस्यों को लैपटॉप अनिवार्य रूप से लेकर आने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही बजट पर चर्चा के लिए सदस्यों को पेन ड्राइव भी दी गई।सभी सदस्यों को फुल चार्ज लैपटॉप लेकर आने को कहा गया, ताकि सदस्यों को कोई परेशानी न हो।
  • विपक्षी सदस्य सेजल मालवीया ने बजट सामान्य सभा में मेट्रो के काम से शहरी लोगों को हो रही परेशानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दो साल से कई जगहों पर मेट्रो ने रोक लगा दी है, जिससे कई व्यापारियों का कारोबार बंद हो गया है। धंघा बंद होने के बावजुद दुकान का किराया, बेंक का ईएमआई दे रहे हैं ऐसे व्यापारियों को टैक्स में राहत दी जानी चाहिए। मेट्रो परिचालन के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सेजल मालवीय ने कहा कि रोजगार बंद होने के बाद अब दुकानों को बेचने की बारी आ गई है।आम आदमी पार्टी की सदस्य सेजल मालवीय ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि स्विमिंग पूल की फीस में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है। शासकों द्वारा फीस कम करने का निर्णय लिया गया है। लेकिन नगर आयुक्त द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी। ऐसा लगता है कि स्विमिंग पूल केवल अमीरों के लिए ही बने हैं। बार-बार शिकायत के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उनका यह भी आरोप था कि नगर आयुक्त सत्ताधारियों से ऊपर उठकर काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने म्यू कमिश्नर से लोगों से माफी मांगने की भी मांग की है।
  • सामान्य सभा में मनपा बजट की चर्चा में भाग लेते हुए पार्षद रेशमा लापसीवाला ने कहा कि वर्ष 2024-25 का बजट सूरत के इतिहास में 8873 करोड़ का सबसे बड़ा सार्वजनिक बजट है। जिसे भारत सरकार के 2023-24 के बजट की सप्तऋषि अवधारणा को शामिल करके लोगों पर किसी भी प्रकार के कर का बोझ डाले बिना भारत और गुजरात के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि सूरत नगर निगम और सत्तारूढ़ दल राजस्व उत्पन्न करने के लिए राजस्व के नए स्रोत बना रहे हैं, जिसका सबसे अच्छा उदाहरण नियोजित स्वेज जल उपचार संयंत्र है। जिसके जरिए गंदे पानी को साफ कर आय का जरिया तैयार करने की योजना है। सूरत नगर पालिका इस स्वच्छ पानी को औद्योगिक इकाइयों को आपूर्ति करने और इससे राजस्व उत्पन्न करने वाली पहली नगर पालिका बन गई है। अब तक सूरत के पांडेसरा, हजीरा, पलसाना, सचिन इलाकों में औद्योगिक इकाइयों को उपचारित पानी की आपूर्ति कर करोड़ों की आय का नया स्रोत बना चुकी है। निकट भविष्य में इस प्रकार औद्योगिक इकाइयों को जल आपूर्ति से कुल 1000 करोड़ रुपये की वार्षिक आय होने का अनुमान है। इससे पानी की बचत होगी, पर्यावरण को लाभ होगा और औद्योगिक इकाइयों की पानी की मांग पूरी होगी।

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