सूरत शहर के कतारगाम इलाके में इनकम टैक्स अधिकारी बनकर 8 करोड़ रुपये की लूट का मामला सुलझ गया है। शेयर बाजार में करोड़ों रुपये का नुकसान होने पर कर्मचारी ने लूट की योजना बनाई थी। दरअसल, बैग में सिर्फ कागजात थे, पैसे नहीं।इस मामले का विवरण पंद्रह दिन पहले का है 27 फरवरी को दोपहर के आसपास कतारगाम में सुरक्षित जमा तिजोरी से सहजानंद टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कर्मचारी 8 करोड़ रुपए निकालकर महिधरपुरा सेफ डिपॉजिट वॉल्ट में जमा करने जा रहा था। इसी दौरान सड़क पर एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को आयकर अधिकारी बताकर कार रोकी और बंदूक की नोक पर कार में सवार हो गया।
उसने कर्मचारी को बंधक बना लिया और वरियाव ब्रिज गेट के पास ले जाकर सभी को कार से उतार दिया और कार लेकर भाग गया। आठ करोड़ की डकैती की घटना सामने आने के बाद क्राइम ब्रांच समेत सूरत पुलिस की सभी एजेंसियों के अधिकारी जांच में जुट गए।इसी बीच सीसीटीवी और मुखबिरों की सूचना के आधार पर पुलिस ने रोहित वीनू ठुम्मर को गिरफ्तार कर लिया। रोहित ने पुलिस को बताया कि कंपनी में काम करने वाले कल्पेश पोपट कसवाला और नरेंद्र दुधात ने ही डकैती करने के लिए रोहित से संपर्क किया था। इस काम के लिए उन्हें पांच लाख रुपये दिये गये थे। पुलिस को शुरू से ही अभियोजक नरेंद्र दुधात पर शक था। रोहित के इस बयान के बाद नरेंद्र टूट गए और सच बता दिया। नरेंद्र ने पुलिस को बताया कि शेयर बाजार में करोड़ों रुपये का घाटा होने के कारण लूट की साजिश रची गई थी।
क्राइम ब्रांच से लेकर कतारगाम पुलिस तक आठ करोड़ की डकैती के मामले में मास्टरमाइंड से पूछताछ के दौरान शुरू से ही पुलिस को फंसाने की कोशिश की थी। पुलिस की शुरुआती पूछताछ में नरेंद्र दुधात की एक न चली, आखिरकार वह टूट गया।उसने बताया कि कंपनी के आठ करोड़ रुपये वह पहले ही खर्च चुका था और इसी के चलते उसने लूट का ड्रामा रचा। जिसके तहत उसने कतारगाम सुरक्षित तिजोरी से महिधरपुरा सुरक्षित तिजोरी में नकदी स्थानांतरित करने के बहाने वैन में नकदी के स्थान पर कागज के बंडल वाले बैग रखे और फिर दो दोस्तों की मदद से डकैती की साजिश रची।