सूरत के पास कामरेज चार मार्ग पर एक श्रमिक अपनी बाइक से गुजर रहा था। इसी बीच पतंग की धागा गलेमे फसने जाने से चालक का गला कट गया जिसकी वजसे गंभीर चोट आई। पतंग की धागे चालक के गले में अटक जानेसे बाइक से नीचे गिर गया। युवक का गला बुरी तरह कटा हुआ था इससे उसकी मौत हो गई। इस घटना से समझा जा सकता है कि पतंग का धागा कितना खतरनाक है। मकर संक्रांति में कई बार लोग बड़ी लापरवाही से पतंग उड़ाते हैं। इससे वाहन चालकों को परेशानी होती है। कामरेज चार मार्ग से गुजरने वाला बलवंत उर्फ राजूभाई पटेल नवागाम का रहने वाला है। घटना उस समय हुई जब वह रविवार शाम को काम से घर लौट रहा था। पतंग की डोर गर्दन पर ऐसे घूमी मानो कोई धारदार हथियार हो। पतंग की डोर ने चालक की गर्दन पर किसी चाकू की तरह घायल कर दिया। नवागाम के रहने वाले बलवंत उर्फ राजूभाई पटेल 52 साल के थे। वह एक करघे के कारखाने में मजदूरी करने जाता था। वह नियमित रूप से रविवार शाम को करघे के कारखाने से लौटता था। अचानक, इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता, कामरेज चार रास्ते के पास पतंग की धागा उसके गले से निकल गया। इससे उसकी गर्दन की नसें कट जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए कामरेज स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।