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नए संसद भवन का इनॉगरेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। 

नए संसद भवन का इनॉगरेशन रविवार दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। विभिन्न राज्यों से मेहमानों का आना भी शुरू हो चुका है।इनॉगरेशन प्रोग्राम में प्रधानमंत्री को सुनहरा राजदंड (सेंगोल) भेंट करने के लिए चेन्नई के धर्मपुरम अधीनम के 21 संत भी चेन्नई से दिल्ली पहुंच गए हैं। ये संत मोदी के लिए एक खास तोहफा भी लाए हैं।इधर, बिहार के CM नीतीश कुमार ने एक बार फिर संसद की नई बिल्डिंग को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। नीतीश ने शनिवार को कहा- संसद भवन अलग से बनाने की क्या जरूरत थी। पुराने भवन को ही ठीक करवाना चाहिए था। मैं इसके खिलाफ हूं। कल के कार्यक्रम में मैं नहीं जाऊंगा। वहां जाने की कोई जरूरत नहीं है।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘नई संसद हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण है।’नए संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में JDU नेता रविवार को दिनभर उपवास करेंगे।डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘ये सपना हमने आज से 35 साल पहले नरसिम्हा राव की सरकार में देखा था। हमने PM के साथ नक्शा भी बनाया था। तब हमसे तो हो नहीं पाया, लेकिन अब बना है तो उसका स्वागत करना चाहिए। मैं विपक्ष के बहिष्कार के खिलाफ हूं।’नए भवन में त्रिपुरा के बांस की फ्लोरिंग, सीलिंग की संरचना दमन-दीव से मंगाई गईनए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है। वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है।भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है। वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी संसद की नई बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका निर्माण जनवरी 2021 में शुरू हुआ था। इसे 28 महीने में बना लिया गया।संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर का प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है।पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए।नई संसद के इनॉगरेशन में अब एक दिन बचा है। इससे पहले शुक्रवार को पहला वीडियो जारी किया गया था। वीडियो की शुरुआत एंट्री गेट से होती है। फिर गुंबद पर लगा अशोक चिन्ह और बाहरी दीवारें, इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा का दृश्य नजर आता है।लोकसभा और राज्यसभा स्पीकर की सीट के पीछे विशाल अशोक चक्र है। लोकसभा के कालीन पर मोरपंख की डिजाइन है। ऐसी ही प्रतीकात्मक डिजाइन सदस्यों के डेस्क पर बनी है। हर डेस्क पर स्क्रीन लगी हैं।PM मोदी ने माय संसद माय प्राइड हैश टैग के साथ वीडियो शेयर करते हुए लिखा- नई संसद हर भारतीय को गौरवान्वित करती है। यह वीडियो संसद की भव्यता को दर्शाता है। लोगों से अपील की कि अपने विचारों और वॉयस ओवर के साथ इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करें। इनमें से कुछ अच्छे वीडियो को वे रीट्वीट करेंगे।

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