गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए सूरत नगर स्वास्थ्य विभाग ने पांडेसरा चीकुवाडी इलाके से बड़ी मात्रा में संदिग्ध अखाद्य पनीर जब्त किया है। स्वास्थ्य विभाग ने आईसर टैम्पो जीजे-15-एएक्स-1096 से 230 किलो अखाद्य पनीर जब्त किया है। यह पनीर वलसाड से सूरत लाया गया टेम्पो का मालिक विष्णुसींघ विरेन्द्रसींघ धाकरे होने की जानकारी मिली है। जब इसकी आपूर्ति की जा रही थी तो सूरत नगर स्वास्थ्य विभाग ने इसे जब्त कर लिया। खाद्य विभाग ने अखाद्य पनीर को जांच के लिए लैब में भेज दिया है।
सूरत के लोग खाने के शौकीन हैं इसी लिए शहर में लॉरी, फूड ट्रक, रेस्टोरेंट खूब चल रहे हैं। यहां हर दूसरी सड़क पर नए-नए व्यंजन बेचने वाले ट्रक खड़े हैं। होटलसे भी स्वादिष्ट चीजें पेश करते हैं। लॉरियों,होटलोमे में हर दिन भीड़ रहती है।आमतौर पर लोग पनीर की सब्जी ही ऑर्डर करते हैं, लेकिन अब सूरत के होटलों में पनीर ऑर्डर करने से पहले सोचें। होटल, लॉरियों में उपलब्ध पनीर के व्यंजनों में असली पनीर का उपयोग नहीं किया जाता है। ज्यादातर नकली पनीर का इस्तेमाल किया जाता है। यह नकली पनीर वलसाड से सूरत आता है। सूरत नगर स्वास्थ्य विभाग ने नकली पनीर रैकेट का भंडाफोड़ किया है।
नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी जगदीश सलोके ने बताया कि हमें फोन पर सूचना मिली थी, जिसके आधार पर विभाग ने छापेमारी की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि पनीर खाने योग्य नहीं था। जब्त किए पनीर के जत्थे से नुमने अधिक जांच के लिए पब्लिक हेल्थ लेब में भेजे गए है। 230 किलो पनीर के जत्थे का नाश कर आगे की जांच चल रही है। आमतौर पर बाजार में पनीर की कीमत 400 से 450 रुपये प्रति किलो होती है, लेकिन वलसाड का यह अखाद्य पनीर महज 150 रुपये में बिका। इसे ज्यादातर सूरत में होटल मालिक खरीदते हैं। सूरत के पांडेसरा का रहने वाला भरत तोमर नाम का शख्स वलसाड के निर्माता से यह पनीर खरीदता था। टेम्पो ड्राइवर चंद्रशेखर वलसाड से सूरत में पनीर लाते समय पकड़ा गया। भरत तोमर इस पनीर को पांडेसरा और उधना के होटलों में 180 रुपये में बेचता था।