टी-20 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज के मुकाबले 6 नवंबर को खत्म हो जाएंगे। इसके बाद 9 और 10 नवंबर को दो सेमीफाइनल खेले जाने हैं। 13 नवंबर को फाइनल मैच होना है। इन नॉकआउट मुकाबलों के प्लेइंग कंडीशंस ICC ने जारी कर दिए हैं। ये कंडीशंस ग्रुप स्टेज के मैचों से अलग हैं। बारिश की स्थिति में क्या होगा, मैच पूरा धुल गया तो क्या होगा जैसे सवालों के जवाब सामने आ गए हैं। चलिए इनको एक-एक कर जानते हैं।
सबसे पहले रिजर्व-डे का होगा इस्तेमाल
अगर बारिश के कारण सेमीफाइनल या फाइनल मैच तय तारीख को पूरा नहीं होता है तो इसे रिजर्व डे के दिन पूरा कराया जाएगा। तय तारीख के दिन मैच जिस स्थिति में रुकेगा रिजर्व डे को उसे उसी स्थिति में शुरू करना होगा। यानी मैच रुकने के समय अगर बाद में बैटिंग करने वाली टीम को 5 ओवर में 40 रन चाहिए तो रिजर्व डे के दिन यहीं से मैच शुरू होगा। मुकाबले को नए सिरे से नहीं खेला जाएगा। ग्रुप स्टेज के मुकाबलों के लिए रिजर्व डे का प्रावधान नहीं था।
दोनों पारियों में कम से कम 10 ओवर का खेल होना जरूरी
सेमीफाइनल और फाइनल के लिए जारी प्लेइंग कंडीशंस के मुताबिक मैच कम से कम 10-10 ओवर का होना जरूरी है। यानी अगर मुकाबला देर से शुरू होता है तो यह प्रति पारी 10 ओवर से कम का नहीं होगा
दूसरी पारी में 10 से कम ओवर तभी हो सकते हैं जब बाद में बैटिंग करने वाली टीम इससे पहले ऑलआउट हो जाए या टारगेट चेज कर दे। सामान्य टी-20 मैचों में कम से कम 5-5 ओवर का खेल होना जरूरी होता है।
टाई के बाद तब तक सुपर ओवर जब तक फैसला न हो जाए
अगर सेमीफाइनल मुकाबला टाई होता है तो इसके बाद सुपर ओवर खेला जाएगा। अगर सुपर ओवर भी टाई होता है फिर एक और सुपर ओवर होगा। यह सिलसिला तब तक चलेगा जब तक मैच का विजेता सामने न आ जाए।
ICC ने यह नियम 2019 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल के बाद ही बना दिया था। पिछला टी-20 वर्ल्ड कप भी इसी नियम के तहत खेला गया था। 2019 वर्ल्ड कप का फाइनल इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। यह मुकाबला टाई रहा था। इसके बाद खेला गया सुपर ओवर भी टाई रहा था। इंग्लैंड ने मैच में ज्यादा बाउंड्री (चौके + छक्के) जमाए थे, लिहाजा उसे विजेता चुना गया था।